Sunday, March 25, 2012

एक मुलाक़ात


 कहते हैं अगर हौसला बुलंद हो तो मंजिल जितनी भी दूर हो मिल ही जाती है . ऐसी ही एक शक्सियत  से आज हम रुबरो होंगे , ज्सिका सफ़र एक छोटे शहर से शुरू हुआ और आज वोह कई छोटे शहर  कहते हैं अगर हौसला बुलंद हो तोह मजिल जितनी भी दूर हो मिल ही जाती है . ऐसी ही एक शक्सियत  से आज हम रुबरो होंगे , जिसका  सफ़र एक छोटे शहर से शुरू हुआ और आज वोह कई छोटे शहर  में रहने वाली उन लड़कियों के लिए प्रेरणा हैहम बात कर रहे हैं लखनऊ विश्व विद्यालय से  पत्रकारिता में मास्टर्स कर रही प्रगति पोरवाल की . सफ़र जितना भी लम्बा क्यों हो मुसाफिर की हिम्मत यह तय करती है उस्सको जाना कहा है .

३१ मार्च सन १९८९ को भरथना (इटावा) में जन्मी प्रगति पोरवाल शांत सुभाव और साधारण रहें सहें में भरोसा करती हैं , इनके पिता श्री अरविन्द कुमार  जी भरथना में अगेंच्य का कारोबार करते हैं , वही इनकी माता जी श्रीमती नीरज पोरवाल एक कुशल  गृहणी है , अपने माता पिता की देख रेख  में पली बढ़ी प्रगति अपने माता पिता हो अपने जीवन का सबसे अहम्  हिस्सा मनाती हैं 


प्रगति चंचल सुभाव की है और अपने खली समय में वह नृत्य और कला में हाथ अजमाना पसंद करती हैं 
प्रगति का शांत और सरल सुभाव ही उनको अपने मित्रो में ख़ासा चर्चित बनता है , खली समय मिलने पर वोह फोटोग्राफी एवं शौपिंग करना पसंद करती हैं ,अपने जीवन में ओव्ह यूं तोह काफी व्यस्त रहती हैं पर समय मिलने पर वह जीवन को रोमांचक बनाने की कोशिश करती है 

अपनी छोटी सी उम्र से ही वोह कला के प्रति बहोत समर्पित थी  इन्होने नृत्य और नाटकों में केवल भाग लिया बल्कि विजेता भी रही है , अपनी कला का लोहा मनवा चुकी प्रगति पोरवाल को सिफ़ी मोहत्सव में नृत्य के लिए प्रतम पुरुस्कार मिला था , वर्ष २००७ में निबंध लेखन में पुरुस्कार नवाजी गयी है , प्रतिभावान होने के साथ साथ प्रगति हमेशा से पढाई में अच्छे अंक लायी है 

हाल ही में हुआ उनसे एक साक्षात्कार में हमारे संवाददाता  हैदर अब्बास जैदी से रुबरो हुई और अपने बारे में बताया , आई जानते है प्रगति पोरवाल के विचार और पूछे गए प्रश्नों के जवाब इस  साक्षात्कार में !

प्र .. छोटे शहर से लखनऊ तक का सफ़र कैसा रहा ?

 प्रगति जी - छोटे शहर से लखनऊ तक का सफ़र अच्छा रहा , में दसवी तक भरथना में थी , उसके बाद बोअर्डिंग में रही , फिर लखनऊ गयी आगे की पढाई करने के लिए ,इस्सी दौरान काफी लूगों से मिली बहोत कुछ सीखा , काफी अच्छे -बुरे अनुभव भी हुए , और कुछ चीजों को करीब से देखने का मौका भी मिला 

प्र.. आपकी क्या प्रेरणा थी जो आपको यह तक ले आई ?

प्रगति जी - में जब बचपन में टी.व् देखती थी , तो सोचती थी की काश में वह होती , बस वही सोच मुझे यहाँ तक ले आई 

प्र.. कहा जाता है की बचपन हम सब के जीवन पर और हमरे  व्यक्तिव पर असर डालता है , क्या आप इस बात से सहमत है , अपना अनुभव बताये

प्रगति जी -बिलकुल  सहमत  हूँ ..जब  बचा  छोटा  होता  है   हर  कम , अपने  माता  पिता ,और  उस  माहोल  से  सिखाता  है ,, जहा  उसकी   परवरिश  ,होती  है ..,उस  जगह  से  उसकी  जिंदगी  स्टार्ट  होती  वो जिंदगी  जीने  के तौर  तरीके  अपने  परिवार  से  सिकता  है ,,किसी  भी  इन्सान  की  लाइफ  उसके माता पिता    शुरू   होती  है .वोह  उसे   जिन्दागे  के  अच्छे बुरे  तौर  तरीको  सभी  का  ज्ञान  देते  है .

प्र.. पुरुष प्रधान समाज में नारी के अस्तित्व के बारे में आपकी क्या राय है?

प्रगति जी - आज के समाज को पुरुषप्रधान समाज कहना गलत होगा , आज नारी पुरुषों से दो कदम आगे चल रही है ,  समाज बदल रहा है , नारी अपना अस्तित्व और पहचान खुद बना रही है 

प्र.. इंसान को पहचानने के अपने क्या सिधांत है ?

प्रगति जी - इंसान खुल मनन का होता है तोह खुद बा खुद समज जाता है , इंसान का बेहविऔर ही उसकी पहचान बता देता है 

प्र.. अपना फ़ायदा या समाज कल्याण आप अपनी जिंदगी में किस को तरजीह देती है ?

प्रगति जी - में समाज कल्याण करना चाहती हूँ , में भी समाज का ही एक हिस्सा हूँ , इसी लिए समाज के लिए कुछ सार्थक करना चाहती हूँ 

प्र.. आपके हिसाब से इश्वर क्या है , और आप इश्वर से कैसे जुडती हैं ?

प्रगति जी - इश्वर एक शक्ति है जो मुझे अच्छे काम करने के लिए प्रेरित करती है , इश्वर से जुड़ने के लिए किसी तरह का दिखावा करने की ज़रुरत नहीं है, जब मेरा मन शांत होता है , में उसको अपने पास पति हूँ 

प्र..अगर आपको पैसा और शौहरत में किसी एक को चुनना हो तो आप किसको चुनेंगी ?

 प्रगति जी - में शौहरत को चुनुगी , पैसा तोह कभी भी जाता और चला जाता है , पर शौहरत हमेशा रहती है

प्र.. अपनी शक्सियत पर किसका प्रभाव मानती है आप?

प्रगति जी - बचपन से ही मेरे आदर्श मेरे पिता जी रहे हैं , में उनको ही अपना आदर्श मानती हूँ , और मेरी शक्सियत पर उनका ही प्रभाव है

प्र.. कामयाबी का कोई शोर्ट कट नही होता , पर अगर आपको मौका मिले तो आप क्या करेगी ?

प्रगति जी - बिलकुल नहीं में कभी शोर्ट कट पर भरोसा नही करती , में अपनी म्हणत से अपने मकाम तक पहोचना चाहती हूँ 

प्र.. क्या आपको कभी धोका मिला है ?

प्रगति जी - जी हाँ , धोका हमारे जीवन का हिस्सा है , इसे हमे बहोत कुछ सीखने को मिलता है.

प्र..आने वाले दस सालों में आप खुद को क्या और कहा देखती हैं ?

प्रगति जी - आने वाले १० सालों में मैं खुद को एक कामयाब न्यू एंकर के र्रोप में देखना चाहती हूँ 

प्र.. आपके करीबी दोस्तों का मन्ना है की आप काफी confused  nature  की हैं , इस्सके बारे में आपका क्या कहना है ?

प्रगति जी - कुछ  चीजों  को  लेकर  इंसाने  दुविधा में  होता  जर्रूर  है ,,लेकिन  इसका  मतलब  यह  नही   वो confuse हो ...मुझे   पता  है ,मुझे  अपनी  लाइफ  में  क्या  करना  है ...... 

 प्र.. आपको फोटो खेच्वाने   का बहोत शौक है , पर इससे आपके दोस्त बहोत परेशां रहते हैं , इस शौक के बारे में बताइए ?

प्रगति जी - जी हाँ मुझे फोटो कीच्वाने का बहोत शौक है , खली समय में मैं फोटो खेच्वाना पसंद करती हूँ ,जो मेरे अच्छे दोस्त है उनको इसे कोई परेशानी नही है

प्र.. आपके एक मित्र से पूछे जाने पर उन्होंने कहा की "आप साफ़ मन की नही है " इस के बारे में आप क्या कहना चाहेगी ?

प्रगति जी - जो लूग मेरे करीबी है वोह मुझे अच्छे से जानते है, बाकी सबको मुझे सफाई देने की ज़रुरत नही है

प्र.. मौका मिलने पर आप "फिल्म क्रिटिक " या " बुक क्रिटिक " दोनों में से क्या बनना चाहेंगी ?

प्रगति जी - मुझे  फिल्मो का बहोत शौक है , इस लिए में "फिल्म क्रिटिक" बनना चाहोंगी.

प्र..राजनीति में मीडिया की सहभागिता  के बारे में आपका क्या कहना है ?

 प्रगति जी - आज की राजनीति बिना मीडिया के नही हो सकती, मीडिया का एक अहम् रोले है आज की राजनीति में 

प्र.. आपको किस तरह का संगीत पसंद है , ?

प्रगति जी - मुझे सोफ्ट म्यूजिक पसंद है , यह तनाव को कम करता है 
  
प्र.. मौका मिलने पर क्या आप अपने दोस्तों को धोखा देंगी ?

    प्रगति जी -   नहीं बिलकुल नही 

अपने पिता को अपना आदर्श माने वाली प्रगति पोर्वाल्हास्मुक और चंचल सुभाव की हैं, अपने जीवन को हस खेल कर जीने में भरोसा रखती है , वोह जीवन से कुछ कुछ सीखने की कोशिश में लगी रहती है , उनको फर्क नहीं पड़ता की कोई उनके बारे में क्या सोचता है, वोह सिर्फ अपने करम पर भरोसा करती हैं 
प्रगति हर पल अपनी गलतियों से सीखने की कोशिश करती है , और अपनी गलतियों का सामना बड़े हीओ सहेजता से करती है ,इन सभी खासियतो के साथ साथ वोह खुले दिल की हैं, हम यही आशा करते हैं की वह इसी हौसले के साथ आगे बढे और कामयाबी हासिल करें

दिनक : २५/३/२०१२                                      हैदर अब्बास जैदी